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19 Jul 2025, Sat

कल्पना चावला : भारत की पहली amazing महिला स्पेस यात्री 5 amazing story

कल्पना चावला

कल्पना चावला  एक ऐसी महिला थीं, जिन्होंने अंतरिक्ष में भारत का नाम रोशन किया। उनकी जीवन यात्रा संघर्ष और सफलता की मिसाल है। जानिए उनके 5 अद्भुत तथ्य, जो आपको प्रेरित करेंगे

कल्पना चावला का जीवन 

कल्पना चावला  का जन्म 17 मार्च 1962 को हरियाणा के करनाल शहर में एक कंजरवेटिव परिवार में हुआ था इनके पेरेंट्स बनारसी लाल चावला व संजयोती चावला पार्टीशन के दौरान पाकिस्तान से इंडिया आए थे व कल्पना इनकी चौथी व सबसे छोटी संतान थी जब इन्होंने स्कूल जाना शुरू किया तो कोई फॉर्मली नाम नहीं दिया गया था इनको घर पर इनको मोंटू करके पुकारते थे जब उसकी बड़ी बहन स्कूल लेके गई नाम पूछा तो हमने बोला नाम तो रखा ही नहीं है

कल्पना चावला

घर का नाम उसका मटू मंटू ही बोलते थे सब उसको तो जब जरूरत पड़ी तो इन्होंने अपना नाम खुद ही चुना कल्पना जिसका मतलब हो सकता है इमेजिनेशन उस वक्त किसी ने कल्पना नहीं करी थी कि ये छोटी सी बच्ची आगे जाकर अपनी जिंदगी में क्या कर दिखाएगी इनके भाई संजय चावला बताते हैं कि समाज के
कल्पना चावला  एक ऐसी महिला थीं, जिन्होंने अंतरिक्ष में भारत का नाम रोशन किया। उनकी जीवन यात्रा संघर्ष और सफलता की मिसाल है। साथ इनकी जद्दोजहद बचपन से ही शुरू हो गई थी मैं इन लड़कों को दिखा दूंगी मैं कोई एवी लड़की नहीं हूं

संजय कहते हैं कि एक बहुत ही डिटरमाइंड लड़की थी 1960 का जमाना इमेजिन करो आज के दिन भी हरियाना में कई जगहों पर मेल चाइल्ड को प्रेफरेंस दी जाती है उस जमाने में तो क्या होता होगा कल्पना चावला  को  स्पेस में दिलचस्पी आसमान में उड़ते हुए प्लेंस को देखकर हुई थी

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बचपन में अपने पिताजी के साथ लोकल फ्लाइंग क्लब में जाती थी व इनके पेरेंट्स ने इनकी इस दिलचस्पी को नोटिस करना शुरू किया लेकिन आगे जाकर जब वो बड़ी हुई तो इनके पिता व इनके प्रोफेसर्स व टीचर्स सभी का यह कहना था

कि इस प्रोफेशन को पसू मत करो लड़कियों के लिए इस करियर पाथ में कुछ नहीं रखा संजय चावला बताते हैं कि सबके लिए एक बहुत बड़ा शौक था सबने उसे डिस्कस करने की कोशिश करी कि मत करो यह लेकिन कल्पना को कोई रोक नहीं सका

पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से यह एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में अपनी बैचलर्स डिग्री कंप्लीट करती हैं व उसके बाद चली जाती है यह america  अपनी मास्टर्स डिग्री करने के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास से इवन दो इनके पिता इसको लेकर भी डिसएप्रूव कर रहे थे कि बाहर पढ़ने नहीं जाना चाहिए 

कल्पना चावला

भारत की बेटी कल्पना चावला  ने अपने सपनों को साकार करने के लिए जो संघर्ष किया, वह दुनिया भर के लाखों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है. उनका लाइफ, उनकी इच्छाशक्ति व उनकी सफलता की कहानी हमें यह सिखाती है कि सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत व समर्पण कितना जरूरी होता है.

 हम कल्पना चावला  के लाइफ से जुड़े 5 अद्भुत बतो को बतयेंगे जो आपको उनकी अद्भुत  यात्रा के बारे में व अधिक जानने के लिए प्रेरित करेंगे.

1. भारत की पहली महिला स्पेस  यात्री

भारत में कई लड़कियां बचपन में आसमान को देखती हैं व उड़ने के सपने संजोती हैं, लेकिन बहुत कम लोग उन सपनों को हकीकत बना पाती हैं. कल्पना चावला  ने इस असंभव से लगने वाले सपने को साकार किया व भारत की पहली महिला स्पेस  यात्री बनीं.

कल्पना चावला

1997 में, उन्होंने नासा के स्पेस शटल कोलंबिया मिशन (STS-87) में हिस्सा लिया व स्पेस  में कदम रखने वाली पहली भारतीय महिला बनकर इतिहास रच दिया.

2. करनाल की बेटी से नासा तक का सफर

हरियाणा के करनाल जिले में जन्मी कल्पना चावला  का लाइफ बेहद साधारण था. लेकिन उनके सपने बड़े थे. उन्होंने अपने शुरुआती दिनों से ही स्पेस  में उड़ान भरने की इच्छा जताई थी.

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उनका यह सफर आसान नहीं था. उन्होंने पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में स्नातक किया व फिर आगे की पढ़ाई के लिए america  चली गईं. वहां उन्होंने नासा में शामिल होने के लिए कठिन परिश्रम किया व आखिरकार 1994 में स्पेस  यात्री के रूप में चयनित हुईं.

3. स्पेस मिशन के दौरान बहादुरी की मिसाल

कल्पना चावला  ने न केवल स्पेस  में जाने का dream पूरा किया, बल्कि अपने मिशन के दौरान जबरदस्त बहादुरी भी दिखाई. उनके पहले मिशन के दौरान, उन्होंने 372 घंटे से अधिक समय स्पेस  में बिताया व माइक्रोग्रैविटी रिसर्च पर काम किया.

कल्पना चावला

उनका दूसरा मिशन, STS-107, 2003 में लॉन्च किया गया. यह मिशन वैज्ञानिक अनुसंधान से भरा हुआ था व उनकी टीम ने कई महत्वपूर्ण प्रयोग किए. हालांकि, 1 फरवरी 2003 को पृथ्वी पर वापसी के दौरान, शटल कोलंबिया दुर्घटनाग्रस्त हो गया व कल्पना चावला  समेत सभी स्पेस  यात्री वीरगति को प्राप्त हुए.

4. प्रेरणा का स्रोत  लाखों लोगों के लिए आदर्श

आज भी कल्पना चावला  का नाम लोगों के दिलों में बसा हुआ है. उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि कोई भी dream बड़ा नहीं होता. अगर हमारे इरादे मजबूत हैं, तो हम हर बाधा को पार कर सकते हैं.

कल्पना चावला

उन्होंने लड़कियों व महिलाओं को यह विश्वास दिलाया कि साइन्स , स्पेस  व एयरोस्पेस जैसे क्षेत्रों में भी वे सफलता प्राप्त कर सकती हैं. उनकी उपलब्धियां आज भी युवाओं को स्पेस साइन्स  व एयरोनॉटिक्स की दुनिया में करियर बनाने के लिए प्रेरित करती हैं.

5. कल्‍पना चावला के सम्‍मान में किए गए कार्य

कल्पना चावला  की स्मृति को जीवंत रखने के लिए दुनिया भर में कई सम्मान दिए गए हैं. उनके नाम पर नासा ने एक उपग्रह व एक सुपरकंप्यूटर का नामकरण किया है. भारत में कई स्कूल, विश्वविद्यालय व स्कॉलरशिप प्रोग्राम उनके नाम पर स्थापित किए गए हैं.

उनकी याद में 2017 में भारतीय स्पेस  अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक उपग्रह मिशन को भी समर्पित किया.

कल्पना चावला

कल्पना चावला  सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि एक मिसाल हैं. उनकी कहानी संघर्ष, मेहनत व सफलता की defination है. उनकी उपलब्धियां हमें यह सिखाती हैं कि कोई भी मंज़िल असंभव नहीं है, बस जरूरत है एक मजबूत संकल्प व कड़ी मेहनत की.

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