इस बार का महाकुंभ 2025 का आयोजन प्रयागराज में हो रहा है, और यह हर हिंदू धर्म के श्रद्धालु के लिए जीवन में एक बार आने वाला ऐतिहासिक अवसर है, इस बार का महाकुंभ 144 वर्षों के बाद आयोजित किया जा रहा है, इस कारण से इसका महत्व और भी बढ़ जाता है, अगर आप भी इस पवित्र आयोजन का हिस्सा बनने की योजना बना रहे हैं, तो फिर आपको पहले से ही अच्छी तैयारी करनी होगी-
महाकुंभ मे पैदल यात्रा का अनुभव
महाकुंभ 2025 में संगम तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को कम से कम 10 किलोमीटर से अधिक पैदल चलना होगा इसलिए प्रशासन ने मुख्य स्नान पर्वों पर सुरक्षा और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कड़ी व्यवस्था की है। 11 जनवरी 2025 से ही मकर संक्रांति और पौष पूर्णिमा जैसे पर्वों के दौरान संगम क्षेत्र को पूरी तरह से वाहनों के लिए, निषिद्ध क्षेत्र कर दिया गया है।

पुलिस ने आने और जाने के रास्तों को अलग अलग कर दिया है, ताकि भीड़ प्रबंधन सुचारू रूप से हो सके, प्रवेश के लिए जी टी जवाहर, काली सड़क, और काली रैंप जैसे मार्ग को तैयार किए हैं, वहीं, बाहर निकलने के लिए अक्षयवट मार्ग , त्रिवेणी मार्ग निर्धारित किए गए हैं।
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भीड़ को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न स्थानों पर बैरिकेड्स को भी लगाया गया हैं, जिससे श्रद्धालु व्यवस्थित तरीके से आगे बढ़ सकें , इन व्यवस्थाओं से भगदड़ जैसी स्थिति को रोकने में तुरंत मदद मिलेगी।
प्रयागराज में ठहरने के सस्ते और आरामदायक विकल्प मौजूद

अगर आप भी महाकुंभ 2025 में आने की सोच रहे हैं, तो ठहरने की व्यवस्था पहले से करना बेहद ही जरूरी है। संगम क्षेत्र के आसपास सस्ती और आरामदायक धर्मशालाएं और गेस्ट हाउस उपलब्ध हैं, यहां कुछ प्रमुख ठहरने के विकल्प दिए गए हैं:-
- हनुमान मंदिर धर्मशाला –संगम के पास स्थित यह धर्मशाला सस्ते व साफ सुथरे कमरे उपलब्ध कराती है- किराया ₹1000 से 1500 प्रति दिन तक है।
- पंजीकृत होटल व गेस्ट हाउस –प्रयागराज में 133 पंजीकृत होटल और 204 गेस्ट हाउस हैं, इनमें ₹500 से ₹1000 तक में ठहरने के विकल्प हैं।
- टेंट कॉलोनियां- साधारण बजट में टेंट कॉलोनियां एक बेहतर विकल्प हैं, जहां आधुनिक सुविधाओं के साथ रुकने का अनुभव मिलेगा।
यात्रा मार्ग व वाहन पार्किंग व्यवस्था
महाकुंभ 2025 मे प्रशासन ने अलग अलग मार्गों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए विशेष पार्किंग स्थल बनाए हैं।
- वाराणसी की ओर से आने वाले श्रद्धालु झूंसी व महमूदाबाद में वाहन पार्क कर सकते हैं।
- लखनऊ – प्रतापगढ़ मार्ग के यात्रियों के लिए गंगेश्वर महादेव और आई ई आर टी में पार्किंग की व्यवस्था है।
- कानपुर व चित्रकूट की ओर से आने वाले श्रद्धालु दधिकांदों में वाहन खड़ा कर सकते हैं।
रेल यात्रियों के लिए भी यहा विशेष प्रबंध किए गए हैं, स्टेशनों पर अलग अलग प्रवेश और निकास द्वार बनाए गए हैं, मेले तक जाने के लिए भाड़े के वाहन स्टेशन से 4 से 5 किलोमीटर पहले ही रुक जाते हैं, जहां से आपको पैदल जाना होगा।
महाकुंभ 2025 : एक अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव

महाकुंभ केवल एक धार्मिक व आध्यात्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा अनुभव है जो मनुष्य को आध्यात्मिकता , अनुशासन व एकता का संदेश भी देता है, लाखों श्रद्धालुओं के साथ संगम में डुबकी लगाने का अनुभव भी अद्वितीय है।
प्रयागराज का महाकुंभ 2025 केवल श्रद्धा का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति व सभ्यता का जीवंत प्रमाण है , अगर आप इस आयोजन में जाने की योजना बना रहे हैं, तो पहले से ठहरने की व्यवस्था और यात्रा का पूरा खाका तैयार कर लें।

महाकुंभ 2025 में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए प्रशासन ने कई सख्त लेकिन प्रभावी व्यवस्थाएं की हैं। 10 किलोमीटर पैदल यात्रा, संगम में डुबकी और सस्ती धर्मशालाओं में रुकने का अनुभव इस आयोजन को और भी खास बना देगा, श्रद्धालुओं के लिए यह जीवन का सबसे यादगार अनुभव साबित होगा।
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