नई दिल्ली: 8th Pay Commission की घोषणा की घोषणा के बाद से केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों व पेंशनभोगियों में एक नई उम्मीद जागी है. इस वेतन आयोग 50 लाख से अधिक कर्मचारियों – अधियाकरियों को प्रभावित होंगे . पिछले 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों का कार्यकाल दिसंबर 2025 में ही समाप्त होने वाला है व सरकार ने इसके अगले चरण की तैयारी शुरू कर दी है. यहा पर इस लेख में हम 7th व 8th Pay Commission के बीच के प्रमुख अंतर, अपेक्षित वेतन वृद्धि व कर्मचारियों के लिए होने वाले संभावित लाभों पर चर्चा करेंगे.
7th Pay Commission की प्रमुख बात
वर्ष 2016 के 7th Pay Commission को 1 जनवरी 2016 से लागू किया गया था. इसमें कई महत्वपूर्ण बदलाव भी किए गए थे
- न्यूनतम मूल वेतन: इसे ₹7,000 रुपये से बढ़ाकर ₹18,000 रुपये प्रति माह किया गया था.
- इस वेतन आयोग का फिटमेंट फैक्टर 2.57 रखा गया था जिससे सभी स्तरों पर समान वेतन वृद्धि निर्धारित की गई.
- इसमे महंगाई भत्ता (DA) , मकान किराया भत्ता (HRA) व यात्रा भत्ता (TA) जैसे प्रमुख भत्तों को आर्थिक परिस्थितियों के अनुसार संशोधित किया गया.
- पेंशन न्यूनतम पेंशन को ₹3,500 से बढ़ाकर ₹9,000 प्रति माह किया गया था .
- वेतन संरचना 19 स्तरों वाली एक नई वेतन संरचना बनाई गई जिससे पारदर्शिता व समानता बढ़ी है .
8वें वेतन आयोग से क्या बदलाव अपेक्षित हैं ?
जैसे जैसे 8th Pay Commission की तैयारियां शुरू हो रही हैं कई संभावनाएं उभरकर सामने निकलकार आ रही हैं
- प्रारंभिक रिपोर्ट्स के अनुसार, न्यूनतम मूल वेतन ₹34,500 से ₹41,000 तक बढ़ने की संभावना है.
- प्रस्तावित रिपोर्ट मे फिटमेंट फैक्टर 2.86 तक बढ़ सकता है जिससे सभी सरकारी कर्मचारियों को अधिक वेतन वृद्धि मिलेगी.
- भत्तों में संशोधन भी संशोधन होगा , महंगाई भत्ता (DA), मकान किराया भत्ता (HRA) व यात्रा भत्ता (TA) को वर्तमान महंगाई दरों व आर्थिक हालात के अनुरूप संशोधित किया जा सकता है .
- कर्मचारियों के पेंशन योजनाओं में भी सुधार की संभावना बन रही है, जिससे पेंशनभोगियों को समय पर व बढ़ी हुई राशि मिल सके.
- इस रिपोर्ट मे प्रदर्शन आधारित वेतन दिए जाने की संभावना है ,सभी सरकारी कर्मचारियों की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए प्रदर्शन आधारित वेतन संरचना पर चर्चा की जा रही है.
8th Pay Commission में फिटमेंट फैक्टर पर क्या बन रहा है असमंजस
एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकार द्वारा रखा गया आठवे वेतन आयोग का सुझाव 2.86 के फिटमेंट फैक्टर को मंजूरी मिलना मुश्किल भी हो सकता है. पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग के अनुसार, 8th Pay Commission कर्मचारियों के मौजूदा मूल वेतन व महंगाई भत्ते (DA) को ध्यान में रखते हुए नए फिटमेंट फैक्टर को तय किया जाएगा .
वर्तमान में केंद्रीय कर्मचारियों को 53% ,DA दिया जा रहा है, व 2026 तक यह लगभग 60% तक पहुंचने की संभावना है. यदि सरकार अगले दो संशोधनों में 3.5% की DA वृद्धि देती है, तो 8th Pay Commission के तहत वेतन वृद्धि सीमित हो सकती है.
8th Pay Commission की संभावित वेतन वृद्धि
7th Pay Commission ने कर्मचारियों को केवल 14% की वास्तविक वेतन वृद्धि दी थी. 7वें वेतन आयोग ने फिटमेंट फैक्टर को 2.57 रखा था, जिससे न्यूनतम वेतन ₹7,000 से ₹18,000 किया गया था.
यदि सुभाष चंद्र गर्ग की भविष्यवाणी सही साबित होती है, तो 8th Pay Commission का फिटमेंट फैक्टर 1.92 से 2.08 के बीच हो सकता है. इसका मतलब है कि न्यूनतम वेतन ₹18,000 से बढ़कर ₹34,560 (1.92 फिटमेंट फैक्टर के साथ) या ₹37,440 (2.08 फिटमेंट फैक्टर के साथ) तक हो सकता है.
8th Pay आयोग से कर्मचारियों की उम्मीदें व सरकार की रणनीति
केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों की सबसे बड़ी उम्मीद 8th Pay Commission से अधिकतम वेतन वृद्धि की है. हालांकि, सरकार को बजट सीमाओं व आर्थिक संतुलन को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेना होगा. प्रदर्शन आधारित वेतन की चर्चा भी तेज हो रही है, जिससे कर्मचारियों को उनकी दक्षता के आधार पर अतिरिक्त लाभ मिल सकता है.
8th Pay Commission की सिफारिशें 2026 से लागू हो सकती हैं, व इससे केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को एक नई वेतन संरचना का लाभ मिलने की संभावना बन रही है. हालांकि, फिटमेंट फैक्टर व वेतन वृद्धि को लेकर अलग अलग रिपोर्ट्स सामने आ रही हैं. ऐसे में, कर्मचारियों को आयोग की अंतिम सिफारिशों का इंतजार करना होगा.
सरकार व कर्मचारी संगठनों के बीच लगातार बातचीत चल रही है, व आने वाले महीनों में 8th Pay Commission पर अधिक स्पष्टता आने की संभावना है.
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