जानें APAAR ID की इस नई व्यवस्था का उद्देश्य , 12 अंकों की पहचान से जुड़े 5 बड़े फायदे !
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने छात्रों के लिए एक नई पहल के तहत 12 अंकों वाली ऑटोमेटिक परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री (APAAR ID) की व्यवस्था को लागू किया जा रहा है ।
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इस नई व्यवस्था का उद्देश्य छात्रों की शैक्षणिक जानकारी को एक जगह पर सुरक्षित व स्थायी रूप से संग्रहीत करना है, सरकारी और निजी स्कूलों में इसे लागू करने की प्रक्रिया बहुत तेज़ी से चल रही है।
क्या है APAAR ID ?
APAAR ID केंद्र सरकार की “वन नेशन, वन स्टूडेंट आईडी” योजना का हिस्सा है। यह एक यूनिक 12 अंकों की पहचान संख्या है, जो हर छात्र के शैक्षणिक रिकॉर्ड को डिजिटल रूप से स्टोर करके रखेगी , इसके अनुसार छात्रों की पढ़ाई, उनके प्रमाणपत्र, सर्टिफिकेट और अन्य शैक्षणिक योग्यता की जानकारी डिजीटल रूप में उपलब्ध होंगी।
यह आईडी डिजी लॉकर के साथ भी इंटीग्रेटेड होगी , जिससे छात्र अपने सभी सर्टिफिकेट कहीं भी और कभी भी एक्सेस कर सकेंगे, इससे न केवल छात्रों को सुविधा होगी, बल्कि उनके माताब पिता और शिक्षण संस्थानों के लिए भी यह प्रक्रिया सरल और पारदर्शी होगी ।
APAAR ID से जुड़ी कुछ प्रमुख बातें
- डिजिटल शिक्षा का नया युग:
APAAR ID छात्रों की पूरी शैक्षणिक जानकारी का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार करेगी, इसमें कक्षा 1 से लेकर उच्च शिक्षा तक के सभी दस्तावेज़ सुरक्षित होंगे।
- जानकारी की गोपनीयता और सुरक्षा :
छात्रों के डेटा को सुरक्षित रखने के लिए इसमें अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया गया है, हालांकि, गोपनीयता को लेकर कुछ चिंताएं एवं सवाल जरूर उठे हैं। माता पिता को आश्वस्त किया गया है कि उनकी सहमति के बिना कोई भी डेटा शेयर नहीं किया जाएगा।
- देश के सभी स्कूलों में तेजी से काम:
देश भर के सरकारी और निजी स्कूलों में छात्रों की APAAR ID बनाने का काम ज़ोरों पर चल रहा है, रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया स्कूलों द्वारा पूरी की जा रही है, हालांकि छात्र या उनके अभिभावक भी ऑफिशियल पोर्टल पर जाकर इसे स्वचालित रूप से कर सकते हैं।
- इसमे होगा डिजी लॉकर का इंटीग्रेशन :
यह आईडी डिजी लॉकर से जुड़ी होगी, जिससे मार्कशीट, सर्टिफिकेट, डिग्री और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों को डिजिटल रूप से स्टोर रखना और शेयर करना आसान होगा।
- सभी छात्रों के लिए लाभ:
- सरल दस्तावेज़ प्रबंधन: एक ही प्लेटफ़ॉर्म पर सभी प्रमाणपत्र उपलब्ध होंगे।
- समय की बचत: किसी भी शैक्षणिक संस्थान में प्रवेश के दौरान लंबी प्रक्रिया से बचा जा सकेगा।
- भविष्य के लिए तैयारी: सरकारी योजनाओं और नौकरियों में आवेदन के लिए यह आईडी उपयोगी होगी।
क्या हैं गोपनीयता से जुड़े सवाल?
हालांकि यह पहल डिजिटल भारत की दिशा में एक बड़ा कदम है, लेकिन इससे गोपनीयता से जुड़े सवाल उठने लगे हैं। क्या छात्रों के डेटा का उपयोग बिना उनकी सहमति के किया जा सकता है? क्या यह डिजी लॉकर और आधार कार्ड जैसी व्यवस्थाओं के बीच क्या समानता पैदा करेगा ? विशेषज्ञों की राय है कि सरकार को इस पर पारदर्शी नीति बनानी चाहिए ।
कैसे बनवाएं APAAR ID ?
छात्रों की APAAR ID उनके स्कूल के माध्यम से बनाए जाने की प्रक्रिया जारी है , स्कूल प्रशासन को इस प्रक्रिया को समय पर पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। रजिस्ट्रेशन के लिए छात्रों को अपना आधार नंबर, जन्मतिथि, फोटो और माता पिता की जानकारी देनी होगी ।
क्या होगा अगर किसी छात्र की APAAR ID नहीं बनी तो ?
यदि कोई छात्र अपनी APAAR ID समय पर नहीं बनवा पाता है , तो उसे छार को भविष्य में कई समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है। जैसे की :
- शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश लेने में दिक्कतें होगी ।
- सरकारी योजनाओं और छात्रवृत्तियों का लाभ छात्रों को नहीं मिल पाएगा।
- डिजिटल प्रमाणपत्रों तक पहुंच सीमित हो जाएगी।
विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का कहना है की , “APAAR ID छात्रों के लिए उनके पूरे शैक्षणिक जीवन का स्थायी रिकॉर्ड तैयार होगा . यह न केवल उनकी पढ़ाई बल्कि भविष्य में नौकरी और अन्य सरकारी योजनाओं के लिए भी मददगार साबित होगी।”
APAAR ID छात्रों के शैक्षणिक अनुभव को डिजिटल और संगठित बनाने का एक शानदार प्रयास है. हालांकि गोपनीयता और डेटा सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर और काम करने की जरूरत है। छात्रों और उनके अभिभावकों को इस पहल से जुड़े हर पहलू को समझने व इसके लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
यह कदम “डिजिटल भारत” और “शिक्षा के डिजिटलीकरण” की दिशा में एक मजबूत नींव रखने वाला साबित हो सकता है।
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