CV Raman Science Day : दोस्तो imagin करिए एक सुदूर गाँव में एक जिज्ञासु boy रात के आसमान को देखते हुए तारों तक पहुँचने का सपना बुन रहा है. शहर की एक laboratory में एक युवा scientist
नई दवा की research में रसायनों को मिलाकर प्रयोग कर रही है किसी college के सभागार में एक professor project पर Galaxy की तस्वीरें दिखाते हुए विद्यार्थियों को आकर्षित कर रहे हैं. ये तीनों Scene एक ही कहानी कहते हैं science हमारे जीवन को रूपांतरित करने वाला वह magic है जो जिज्ञासा से आरंभ होकर research पर समाप्त होता है, व फिर भी अंत नहीं होता. आज उसी magic व जिज्ञासा का festival मनाने के लिए हम CV Raman Science Day मना रहे हैं, जो science व research के महत्व को समर्पित एक विशेष दिन है. science मात्र लैबोरेटरी व Research Paper’ तक सीमित कोई नीरस विषय नहीं है. यह एक जीवंत power है जो Nationों की तकदीर बदल देती है. आज के समय मे मानव space की गहराइयों को छू रहा है, बीमारियों का इलाज ढूंढ रहा है व नई technique से जीवन आसान बना रहा है, तो उसके पीछे science व research की अमूल्य भूमिका है. CV Raman Science Day हमें science की इसी महत्ता की याद दिलाता है. भारत हर वर्ष 28 february को Nation v science दिवस के रूप में मनाता है, जो महान scientist Sir Chandrasekhara Venkata Raman (सी.वी. Raman) की research “Raman प्रभाव” की याद में समर्पित है. 1928 में कोलकाता की एक साधारण laboratory में की गई इस अद्भुत research ने न केवल physics की दिशा बदली, बल्कि पूरे विश्व को दिखा दिया कि सीमित साधनों के बावजूद भारतीय scientist प्रतिभा क्या कमाल कर सकती है.
इस CV Raman Science Day के अवसर पर हम विचार करते हैं कि science व शोध भारत के लिए क्यों आवश्यक हैं. देश में scientist संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए 1987 से यह दिन मनाया जा रहा है. आज, साल दर साल आगे बढ़ते हुए, जब भारत science व technique
में विश्व power बनने की ओर अग्रसर है, science दिवस व भी प्रासंगिक हो गया है. इस वर्ष science दिवस की थीम है “विकसित भारत के लिए science एवं नवाचार में विश्वस्तरीय नेतृत्व हेतु भारतीय युवाओं को सशक्त बनाना”. यह theme स्पष्ट संकेत देती है कि आने वाला भविष्य युवा scientist का है, जो CV Raman Science Day की प्रेरणा से scientist revolution के अग्रदूत बन सकते हैं.
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भारत ने प्राचीन काल से लेकर आधुनिक युग तक science के क्षेत्र में कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं. फिर भी, science जगत में ऐसी चुनौतियाँ व विवाद भी हैं जो सोचने पर मजबूर करते हैं कि क्या हम अपनी scientist विरासत का पूरा लाभ उठा पा रहे हैं यह लेख प्रेरणादायक, विवादास्पद व informationत्मक नजरिए से इन्हीं पहलुओं का विश्लेषण करता है. आगे हम देखेंगे कि सर सी.वी. Raman की success व विचार हमें क्या सिखाते हैं, भारतीय science ने किन बुलंदियों को छुआ है, कौन-सी चुनौतियाँ अब भी सामने खड़ी हैं, science नीति में क्या सुधार हो रहे हैं, व आने वाली पीढ़ी के scientist के लिए क्या संदेश हैं.
c .v. Raman की research व science day का महत्व:
भारतीय science के history में 28 february, 1928 का दिन स्वर्ण अक्षरों में दर्ज है. इसी दिन कोलकाता के indian association for the cultivation of science की लैब में सी.वी. Raman
ने प्रकाश के विचित्र बिखरने के गुण का अवलोकन किया, जो बाद में “Raman प्रभाव” कहलाया. साधारण उपकरणों व बेहद सीमित संसाधनों के साथ की गई यह research इतनी असाधारण थी कि इससे physics की किताबों में नया अध्याय जुड़ गया. Raman स्वयं कहा करते थे कि “science का सार स्वतंत्र चिंतन व कठोर परिश्रम है, न कि महंगे उपकरण” – अपनी research से उन्होंने इस बात को सिद्ध कर दिखाया. आज “Raman प्रभाव” science की पाठ्यपुस्तकों का अध्याय ही नहीं, लैबोरेटरी का एक अनिवार्य उपकरण बन चुका है; Raman spectroscopy का उपयोग रसायन, physics, जीव science से लेकर सामग्री science तक विभिन्न एरिया में हो रहा है. यह उदाहरण है कि एक laboratory में हुई research आने वाले समय में कितनी दूरगामी साबित हो सकती है. इस revolutionकारी research के लिए सर सी.वी. Raman को 1930 में physics का नोबेल पुरस्कार मिला, व वे science के क्षेत्र में नोबेल पाने वाले एशिया के पहले person बने. यह भारत के लिए अत्यंत गर्व का क्षण था क्योंकि गुलामी के दौर में एक भारतीय scientist ने विश्वपटल पर अपनी प्रतिभा की चमक बिखेरी.
सर सी.वी. Raman की प्रतिभा कम उम्र से ही उजागर हो गई थी. मात्र 11 वर्ष की आयु में उन्होंने हाई स्कूल की परीक्षा अच्छे से पास कर ली थी व 16 वर्ष की उम्र में
physics में graduation परीक्षा विश्वविद्यालय में प्रथम स्थान के साथ पास की. ब्रिटिश शासन के दौरान उन्होंने वित्तीय सेवा में सरकारी नौकरी की, लेकिन मन में scientist बनने का जुनून था. दिन में दफ्तर व रात में शोध यह सिलसिला कलकत्ता में इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टीवेशन ऑफ साइंस की laboratory में चलता रहा. इसी लगन व समर्पण ने उन्हें उस research तक पहुँचा दिया जिसने विश्व science को चकित कर दिया.
CV Raman Science Day दरअसल Nation science दिवस का पर्याय है, क्योंकि यह दिवस Raman की उसी महान success की याद में मनाया जाता है. 1986 में भारत सरकार ने घोषणा की कि हर साल 28 february को science दिवस मनाया जाएगा, व 1987 से देशभर में इसे मनाने की शुरुआत हुई. इसका उद्देश्य था जनता में science के प्रति जागरूकता बढ़ाना व देश के स्कूल-कॉलेजों में scientist दृष्टिकोण को प्रोत्साहित करना. आज CV Raman Science Day के उपलक्ष्य में देश के कोने-कोने में scientist गतिविधियों की धूम रहती है. विद्यालयों व university में science मेले आयोजित होते हैं
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जहाँ छात्र-छात्राएँ अपने मॉडल व प्रोजेक्ट प्रदर्शित करते हैं, आम जनता के लिए प्रयोगों का प्रदर्शन किया जाता है व scientist क्विज व भाषण प्रतियोगिताएँ होती हैं. कई स्थानों पर प्रख्यात scientist व शिक्षक विशेष व्याख्यान देने पहुँचते हैं, जिसमें वे सर सी.वी. Raman जैसी हस्तियों के कार्यों पर प्रकाश डालते हुए नवपीढ़ी को research के प्रति उत्साहित करते हैं. इन कार्यक्रमों में अभिभावकों व समाज का भी भरपूर सहभाग होता है, जो दर्शाता है कि science दिवस ने एक जन आंदोलन का रूप ले लिया है. वास्तव में, यह सिर्फ एक स्मृति दिवस नहीं, बल्कि एक प्रेरक उत्सव बन चुका है जो science को उत्सव की भांति मनाने की संस्कृति पैदा कर रहा है.
sir सी.वी. Raman की कहानी देश के हर उस युवा के लिए प्रेरणा है जो सीमित साधनों के बावजूद बड़े सपने देखता है. Raman ने दिखाया कि जिज्ञासा व जुनून के दम पर बड़ी से बड़ी success हासिल की जा सकती है. उन्होंने भारतीय science को अंतर्Nation पहचान दिलाई व यह
विश्वास जगाया कि भारत की भूमि मेधा से भरपूर है. उनकी अन्य successयों में भारतीय science संस्थान, बैंगलोर के प्रथम भारतीय निदेशक बनना व आगे चलकर Raman शोध संस्थान Raman researcharch Institute की स्थापना करना शामिल है. उन्होंने कई युवा scientist को मार्गदर्शन दिया व भारत में शोध संस्कृति की नींव को मजबूत किया.
CV Raman Science Day हमें याद दिलाता है कि एक दृढ़संकल्प scientist कैसे history बना सकता है. यह दिवस हमारे लिए अपने scientist नायकों का सम्मान करने व उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलने का संकल्प लेने का अवसर भी है. जब हम Raman की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हैं या school में उनके जीवन पर निबंध लिखे जाते हैं, तब नई पीढ़ी के मन में scientist बनने की चिंगारी प्रज्वलित होती है. यहीं से आगे चलकर निकलते हैं आने वाले कल के scientist, जो नई research से देश का नाम रोशन करेंगे.
भारतीय science की success व वैश्विक पहचान
सी.वी. Raman की विरासत ने जिस scientist भावना को जन्म दिया, वह स्वतंत्रता के बाद के भारत में अनेक रूपों में आगे बढ़ी. भारत ने परमाणु ऊर्जा, space science, medical, information प्रौद्योगिकी जैसे एरिया में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. एक ओर डॉ. होमी जहांगीर भाभा की अगुवाई में भारत ने atom research की नींव डाली, तो दूसरी ओर dr Vikram Sarabhai ने भारतीय space program
का शुरू कर देश को space technique की दौड़ में शामिल किया. आज भारतीय space research संगठन विश्व की अग्रणी space agencies में गिना जाता है. अभी हाल ही में भारत ने chandrayaan 3 mission की success से पूरी दुनिया को अपनी technique क्षमता का लोहा मनवाया, जहाँ हमारे लैंडर ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर कदम रखने वाली पहली मानव निर्मित वस्तु बनकर history रच दिया. मंगलयान mission की success ने भी दर्शाया कि कम बजट में बड़ी success हासिल करने की भारत की प्रतिभा अद्वितीय है. ISRO ने ही एक mission में 104 उपग्रहों को एक साथ launch करके विश्व कीर्तिमान स्थापित किया, जिसने वैश्विक space समुदाय को चकित कर दिया.
science व प्रौद्योगिकी के अन्य अभियान पर भी भारत ने अपना परचम लहराया है. information प्रौद्योगिकी व software development में भारत वैश्विक हब बन चुका है Silicon Valley से लेकर bangalore तक भारतीय engineer व programro की धाक है.
भारतीय scientist ने medical के क्षेत्र में covid 19 की vaccine विकसित करके यह साबित किया कि हम आपदा को अवसर में बदल सकते हैं; vaccine व कोविशील्ड जैसी वैक्सीन ने न केवल देश में करोड़ों लोगों की जान बचाई बल्कि विश्व भर में भारत को “विश्व की pharmacy” के रूप में नई प्रसिद्धि दिलाई. इसके अलावा भारत में विकसित की गई सस्ती हृदय स्टेंट, generic medicine व medical उपकरण वैश्विक स्वास्थ्य को साफ बनाने में सहायक हुए हैं. भारत ने हाल के वर्षों में स्वदेशी supercomputer बनाए हैं व quantum technology artificial intelligence जैसे आधुनिक एरिया में भी कदम बढ़ाए हैं.
तो दोस्तो जेसा की आप ने देखा आखिरकार, CV Raman Science Day हमें एक ही साथ अपने गौरवशाली अतीत पर नाज़ करना सिखाता ओर याद दिलाते है व future के लिए कमर कसने की प्रेरणा देता है. यह दिन ओर दिवस हमें याद दिलाता है कि science व research ही किसी Nation के all round development की चाबी हैं. आज जब मानवता Climate Change, Pandemic, and Energy Security जैसी गंभीर challenges से जूझ रही है, CV Raman Science Day का संदेश है कि science व technique की राह पर चलकर ही हम इन मुश्किलों का हल research सकते हैं. Sir c v . Raman की कहानी बताती है कि एक person की research पूरे देश को विश्व केmap पर चमका सकती है. उन्हीं की तरह आज हमें हज़ारों नए scientist Raman तैयार करने हैं, जो challenges से नहीं घबराएँगे व नई research से Nation को आगे बढ़ाएंगे.
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