वाशिंगटन: डोनाल्ड ट्रंप का दूसरा कार्यकाल आज आधिकारिक रूप से शुरू होने जा रहा है। “Donald Trump Oath Ceremony” में दुनियाभर के नेताओं और बिजनेसमैन का जमावड़ा है, डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के 47 वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेते ही एक्शन मोड में आ जाएंगे, चार साल के लंबे इंतजार और राजनीतिक संघर्ष के बाद डोनाल्ड ट्रंप फिर से व्हाइट हाउस में कदम रखने जा रहे हैं।
अमेरिका के इतिहास में दूसरा ऐसा मामला

डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के इतिहास में ऐसे दूसरे राष्ट्रपति बन गए हैं, जो सत्ता से बाहर होने के बाद दोबारा राष्ट्रपति बने हैं। इससे पहले 19वीं सदी में ‘ ग्रोवर क्लीवलैंड ‘ ने यह उपलब्धि हासिल की थी। डोनाल्ड ट्रंप की यह वापसी उनके समर्थकों व विरोधियों दोनों के लिए खास चर्चा का विषय बना हुआ है।
कार्यकारी आदेशों की बौछार करेंगे ट्रंप

Donald Trump Oath Ceremony के तुरंत बाद ट्रंप 100 से अधिक कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर करने की तैयारी में हैं। इन आदेशों के जरिए वह बाइडन प्रशासन के कई फैसलों को पलटने की योजना बना चुके हैं। कार्यकारी आदेश अमेरिका में ‘ब्रह्मास्त्र’ माने जाते हैं, क्योंकि ये बिना कांग्रेस की मंजूरी के लागू हो जाते हैं।
क्या है ट्रंप का ‘ब्रह्मास्त्र’?
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के आने के साथ ही कई बड़े फैसले लेने की तैयारी है, इनमें इमिग्रेशन नीति, ऊर्जा सुरक्षा, संघीय सरकारी संचालन, और अंतरराष्ट्रीय संबंध भी शामिल हैं। ट्रंप ने कहा है, “पहले दिन मैं बाइडन प्रशासन के दर्जनों विनाशकारी आदेशों को पलट दूंगा ” इसके तहत, सीमा सुरक्षा के लिए आपातकाल की घोषणा और कुछ विदेशी आतंकवादी संगठनों पर प्रतिबंध लगाने जैसे फैसले भी शामिल हैं।
भारत और चीन के लिए क्या है योजना?
डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन से भारत और चीन दोनों को उम्मीदें हैं, ट्रंप ने यह संकेत दिया है कि पदभार संभालने के बाद वह चीन की यात्रा कर सकते हैं, ताकि दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों को भी सुधारा जा सके,
ये भी पढे…New hyundai electric cars launching in india : जानिए इनके दमदार फीचर्स और कीमत फायदे और नुकसान
इसके साथ ही भारत के साथ व्यापार और रणनीतिक सहयोग को और मजबूत करने पर जोर दिया जा सकता है।
कार्यकारी आदेशों का मतलब
अमेरिकी राष्ट्रपति को संविधान द्वारा कार्यकारी आदेश जारी करने की शक्ति दी गई है, ये आदेश कानून की तरह प्रभावी होते हैं और तुरंत लागू हो सकते हैं। उदाहरण के तौर पर, डोनाल्ड ट्रंप के पिछले कार्यकाल में मुस्लिम बहुल देशों से यात्रा प्रतिबंध और समुद्री जल क्षेत्रों को लीज पर देने जैसे आदेश शामिल थे।
क्या कार्यकारी आदेश पलटे जा सकते हैं?
हालांकि कार्यकारी आदेशों में अमेरिकी राष्ट्रपति को बड़ी शक्ति दी जाती है, लेकिन इन्हें अदालतों या कांग्रेस द्वारा चुनौती दी जा सकती है। ट्रंप के पिछले कार्यकाल में भी कई आदेशों को अदालत में रोका गया था।
दूसरे कार्यकाल से उम्मीदें और चुनौतियां
डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों को उम्मीद है कि उनके नेतृत्व में अमेरिका एक बार फिर ग्लोबल पावर के रूप में उभरेगा वहीं, विरोधियों को डर है कि उनके फैसले अमेरिका के लोकतांत्रिक मूल्यों पर असर डाल सकते हैं।
डोनाल्ड ट्रंप का शपथ ग्रहण समारोह केवल अमेरिका ही नहीं, बल्कि दुनियाभर के लिए महत्वपूर्ण है। “Donald Trump Oath Ceremony” के बाद वह बड़े फैसलों से हलचल मचाने वाले हैं। चाहे वह इमिग्रेशन नीति हो या ऊर्जा सुरक्षा, ट्रंप के कार्यकारी आदेश वैश्विक स्तर पर असर डालने वाले हैं।
यह दिन इतिहास में दर्ज होगा, जब ट्रंप ने एक बार फिर साबित किया कि उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा और जनता का समर्थन उन्हें सत्ता में वापस लाने में सक्षम है।
Discover more from E-paper
Subscribe to get the latest posts sent to your email.