बढ़ सकती है GST रिटर्न फाइलिंग की समय सीमा : 5 ऐसे कारण जिनसे हो सकता है तारीख में विस्तार

नई दिल्ली/ दिसंबर 2024 के लिए जी एस टी आर -1 रिटर्न फाइलिंग की अंतिम तारीख 11 जनवरी, 2025 है, लेकिन तकनीकी समस्याओं के के कारण से काम किया जाना मुश्किल हो गया है, GSTN पोर्टल में आ रही समस्याओं ने व्यवसायों और पेशेवरों को बहुत प्रभावित किया है, तकनीकी समस्याओं के के कारण को देखते हुए, सभी करदाताओं ने केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) से समय सीमा को बढ़ाने का अनुरोध किया है।
तकनीकी समस्याओं ने डाला GSTN पोर्टल पर असर
जी एस टी पोर्टल, जो जी एस टी रिटर्न फाइलिंग की प्रक्रिया के लिए अनिवार्य तकनीकी प्लेटफ़ॉर्म है, 10 जनवरी, 2025 को तकनीकी गड़बड़ियों के कारण यह अस्थायी रूप से बंद रहा है , जी एस टी एन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “X” पर बताया है , ” जी एस टी पोर्टल वर्तमान में तकनीकी समस्याओं की वजह से मेंटेनेंस में है, उम्मीद है कि पोर्टल दोपहर 12 बजे तक चालू हो जाएगा, इस मुद्दे को CBIC को रिपोर्ट कर दिया गया है, और तारीख बढ़ाने पर विचार भी किया जा रहा है। आपके धैर्य और समझदारी के लिए धन्यवाद !”
जी एस टी रिटर्न फाइलिंग में देरी से कैसे प्रभावित होंगे व्यवसाय?
जी एस टी आर -1 फाइलिंग में देरी का सबसे बड़ा असर इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) पर पड़ता है , जी एस टी आर -1 डेटा GSTR-2B जनरेट करने के लिए आवश्यक होता है, अगर GSTR-1 समय पर फाइल नहीं होता है , तो GSTR-2B डेटा समय पर उपलब्ध नहीं होगा , जिससे खरीदारों को समय पर ITC क्लेम करने में बहुत दिक्कतें होंगी।

यह देरी कई कंपनियों के नकदी प्रवाह पर नकारात्मक प्रभाव भी डाल सकती है, जिन व्यवसायों के पास बड़ी इनपुट खरीदारी होती है, उन्हें जी एस टी भुगतान नकद में ही करना पड़ सकता है जब तक कि अगले चरण में ITC क्रेडिट न मिल जाए।
जी एस टी की समय सीमा बढ़ाए जाने की मांग पर ज़ोर
जी एस टी फाइलिंग प्रक्रिया में रुकावट को देखते हुए, कर विशेषज्ञों ने समय सीमा बढ़ाने की सिफारिश की है, CBIC ने अभी तक इस पर कोई औपचारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन GSTN ने इस संबंध में एक रिपोर्ट CBIC को सौंपी है।

विशेषज्ञों की राय है कि 11 जनवरी, 2025 की इस समय सीमा को बढ़ाकर 13 जनवरी, 2025 कर देना चाहिए , यह न केवल तकनीकी समस्याओं से प्रभावित करदाताओं को राहत देगा, बल्कि इससे शनिवार की समय सीमा को सोमवार तक बढ़ाए जाने से मल्टीनेशनल कंपनियों को भी सुविधा मिलेगी।
जी एस टी के सिस्टम में सुधार की आवश्यकता

तकनीकी गड़बड़ियों से बार-बार होने वाली असुविधाओं ने जी एस टी पोर्टल सही होने व भरोसे पर सवाल खड़े कर दिए हैं, विशेषज्ञों का कहना है कि GSTN को अपनी प्रणाली को मजबूत और अधिक लचीला बनाना चाहिए ,ताकि भविष्य मे इस तरह की समस्याओं से बचा जा सके।
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इस घटना ने करदाताओं और पेशेवरों को बैकअप योजनाओं की आवश्यकता को भी उजागर किया है, रिटर्न फाइलिंग प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्थाएं और एक मजबूत सिस्टम समय की मांग है।
करदाताओं की CBICअपील और उम्मीदें

व्यवसायों और कर पेशेवरों ने CBIC से गुहार लगाई है कि समय सीमा बढ़ाकर उन्हें राहत दी जाए, जब तक इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं होती, करदाता असमंजस में हैं।
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सरकार के लिए यह एक महत्वपूर्ण अवसर है कि वह इस समस्या का समाधान करते हुए अपने सिस्टम को बेहतर बनाने की दिशा में कदम उठाए, इससे न केवल करदाताओं का विश्वास बढ़ेगा, बल्कि जी एस टी अनुपालन प्रक्रिया को भी अधिक प्रभावी बनाया जा सकेगा।
जी एस टी रिटर्न फाइलिंग में आ रही दिक्कतें और जी एस टी आर -1 की समय सीमा बढ़ाने की मांग इस बात की ओर इशारा करती हैं कि कर प्रणाली में सुधार आवश्यक है। व्यवसाय और करदाता उम्मीद कर रहे हैं कि CBIC जल्द ही एक सकारात्मक कदम उठाएगा।
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