Guillain-Barre Syndrome क्या है यह बीमारी और कैसे रखें अपना बचाव?
पिछले तीन हफ्तों में गिलियन-बार सिंड्रोम (Guillain-Barre Syndrome) के 111 मामलों सामने आने पर देश को चौंका दिया है. महाराष्ट्र के पुणे में इसका पहला दुखद मामला दर्ज किया गया है, जहां पर एक 41 वर्षीय व्यक्ति की मृत्यु हो गई. इस दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल विकार ने चिकित्सा विशेषज्ञों और आम जनता को अलर्ट पर ला दिया है. आइए जानते हैं कि यह बीमारी क्या है, इसके लक्षण, कारण और बचाव के तरीके.
Guillain-Barre Syndrome क्या है?
Guillain-Barre Syndrome (GBS) एक दुर्लभ लेकिन गंभीर स्थिति है, जिसमें शरीर की इम्यून सिस्टम खुद अपनी नर्व्स पर हमला करती है. इस स्थिति में मांसपेशियों की कमजोरी, झुनझुनी और कुछ गंभीर मामलों में लकवे तक का खतरा रहता है.
हालांकि यह बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है, लेकिन 40 से 60 वर्ष के बीच के लोगों में इसका जोखिम अधिक होता है.
Guillain-Barre Syndrome के लक्षण
यह बीमारी धीरे धीरे विकसित होती है, और इसके शुरुआती लक्षणों को पहचानना बेहद जरूरी है:
- हाथों और पैरों में झुनझुनी या सुन्नपन.
- मांसपेशियों में कमजोरी, खासकर पैरों से शुरू होकर शरीर के ऊपरी हिस्से में फैलना.
- चलने या खड़े रहने में कठिनाई.
- सांस लेने में परेशानी (गंभीर मामलों में).
- चेहरे या गले की मांसपेशियों में कमजोरी.
क्या है इसके पीछे का कारण ?
Guillain-Barre Syndrome का सही कारण अभी तक पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है, लेकिन शोधकर्ताओं का मानना है कि यह एक ऑटोइम्यून विकार है. इसका ट्रिगर आमतौर पर वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण होता है.
- संक्रमण: फ्लू, डेंगू, या अन्य वायरल बीमारियां.
- वैक्सीन: दुर्लभ मामलों में कुछ टीकाकरण भी इसे ट्रिगर कर सकते हैं.
- पाचन तंत्र संक्रमण: Campylobacter jejuni जैसे बैक्टीरिया के संक्रमण के बाद इसके विकसित होने की संभावना बढ़ जाती है.
पुणे में Guillain-Barre Syndrome के मामले
पुणे में सामने आए मामलों ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों को सतर्क कर दिया है. सिर्फ तीन हफ्तों में 111 मामले दर्ज किए गए हैं, जो सामान्य से कई गुना ज्यादा है. स्वास्थ्य विभाग ने तुरंत इसके रोकथाम और इलाज के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं.
क्या करें यदि लक्षण दिखाई दें?
यदि आपको Guillain-Barre Syndrome के लक्षण नजर आते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. सही समय पर इलाज से गंभीर समस्याओं को रोका जा सकता है.
- दवाई: इम्यूनोग्लोबुलिन थेरेपी और प्लाज्मा एक्सचेंज.
- फिजिकल थेरेपी: मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए.
कैसे रखें बचाव ?
- स्वच्छता का ध्यान रखें: संक्रमण से बचने के लिए साफ-सफाई का विशेष ध्यान दें.
- इम्यून सिस्टम मजबूत करें: स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम करें.
- टीकाकरण के बाद सतर्क रहें: किसी भी असामान्य लक्षण पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं.
- संक्रमण से बचाव करें: फ्लू और डेंगू जैसी बीमारियों से खुद को सुरक्षित रखें.
क्या है विशेषज्ञों की राय ?
मेडिकल विशेषज्ञों का मानना है किGuillain-Barre Syndrome दुर्लभ है, लेकिन शुरुआती चरण में पहचान कर इसका सफल इलाज संभव है. पुणे में बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी जारी की है.
Guillain-Barre Syndrome जैसी बीमारी के प्रति जागरूक रहना बेहद जरूरी है. समय पर इलाज से न केवल इस बीमारी से राहत पाई जा सकती है, बल्कि गंभीर परिणामों से भी बचा जा सकता है. संक्रमण के लक्षणों को हल्के में न लें और अपनी इम्यूनिटी को मजबूत बनाए रखें.
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इस दुर्लभ बीमारी को रोकने के लिए समाज और स्वास्थ्य विभाग दोनों का सहयोग आवश्यक है. Guillain-Barre Syndrome पर नजर बनाए रखें और खुद को सुरक्षित रखें.
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