Narayana Murthy : भारत की IT इंडस्ट्री को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने में Narayana Murthy का योगदान ऐसा था जिसका अंदाज नहीं लगाया जा सकता है . ओर Narayana Murthy न केवल एक सफल उद्यमी हैं,
बल्कि लाखों युवाओं के लिए एक प्रेरणा का स्त्रोत भी हैं. उनकी दूरदर्शिता और साहसिक फैसलों ने न केवल इंफोसिस (Infosys) को ऊंचाइयों तक पहुँचाया, बल्कि भारत को एक टेक्नोलॉजी हब के रूप में भी स्थापित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
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तो आइए हम Narayana Murthy के पाँच साहसिक फैसलों पर चर्चा करते है, जिन्होंने भारत की IT इंडस्ट्री को हमेशा के लिए बदल दिया.
1. infosys की बुनियाद रखी : भारत में स्टार्टअप कल्चर को जन्म दिया
Narayana Murthy और उनके 6 साथियों ने 1981 में महज 10,000 रुपये से Infosys की शुरुआत की. उस समय भारत में उद्यमी का जो माहौल था वो काफी चुनौतीपूर्ण था ,
लेकिन उनके आत्मविश्वास और दूरदृष्टि ने इस स्टार्टअप को एक मल्टी-बिलियन डॉलर कंपनी बना दिया.Narayana Murthy ने उन्होंने साबित किया कि सही दृष्टिकोण और मेहनत से भारत में भी विश्व स्तरीय कंपनियाँ बनाई जा सकती हैं.
2. ग्लोबल डिलीवरी model अपनाया : भारतीय टैलेंट को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई
Infosys ने ‘ग्लोबल डिलीवरी model ’ की शुरुआत की, जिससे भारत में बैठे इंजीनियर्स जो दुनिया भर की कंपनियों के लिए सॉफ्टवेयर समाधान तैयार करने लगे. Narayana Murthy के इस model ने भारतीय IT पेशेवरों को वैश्विक स्तर पर उच्च वेतन और बेहतर अवसर दिलाने में काफी मदद की.
इससे भारत की आईटी इंडस्ट्री को नया नया रूप हासिल हुआ और देश को ‘दुनिया की बैक-ऑफिस कैपिटल’ के रूप में पहचान मिली.
3. स्पष्टता और अनुशासन को ज्यादा प्राथमिकता दी
एक समय था जब भारतीय कंपनियों को पारदर्शिता की कमी के लिए जाना जाता था, लेकिन Narayana Murthy ने इस सोच को बदल दिया.
उन्होंने कॉर्पोरेट गवर्नेंस और पारदर्शिता को प्राथमिकता दी. Infosys पहली भारतीय कंपनी बनी, जिसने अमेरिका के नैस्डैक स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टिंग करवाई. यह उनके उच्च नैतिक मूल्यों और व्यावसायिक पारदर्शिता की वजह से ही संभव हो पाया.
4. युवाओं को सशक्त किया : टैलेंट आधारित ग्रोथ को बढ़ावा दिया
Narayana Murthy का मानना था कि असली संपत्ति धन नहीं होती है , बल्कि टैलेंट होता है. उन्होंने Infosys में मेरिटोक्रेसी (Meritocracy) को बढ़ावा दिया, जिससे काबिल युवा बिना किसी भेदभाव के आगे बढ़ सके. ओर अच्छा काम कर सके
उनकी इस सोच ने हजारों भारतीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स को विश्वस्तरीय स्तर पर अपनी टैलेंट दिखाने का अवसर दिया.
5. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और नई टेक्नोलॉजी में निवेश की शुरुआत की
हालांकि Narayana Murthy का मुख्य योगदान सॉफ्टवेयर उद्योग में था, लेकिन उन्होंने आने वाले तकनीकी बदलावों को पहले ही भांप लिया था. उन्होंने शुरुआती दौर में ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI),
बिग डेटा और क्लाउड कंप्यूटिंग जैसी तकनीकों में निवेश करना शुरू कर दिया था. उनकी दूरदृष्टि ने Infosys को इनोवेशन का हब बना दिया और कंपनी को लगातार नई ऊंचाइयों तक पहुँचने में मदद की.
Narayana Murthy की सोच से भारत को मिला एक नया मुकाम
Narayana Murthy के ये 5 फैसले न केवल Infosys के लिए फायदेमंद थे बल्कि पूरे भारत की IT इंडस्ट्री के लिए क्रांतिकारी साबित हुए.
उन्होंने भारतीय युवाओं को यह विश्वास दिलाया कि अगर मेहनत और सही रणनीति हो, तो भारत से भी विश्वस्तरीय कंपनियाँ खड़ी की जा सकती हैं.
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उनकी लीडरशिप और विजन आज भी लाखों युवाओं को प्रेरित कर रहे हैं और भारत को टेक्नोलॉजी superpower बनाने की दिशा में आगे बढ़ा रहे हैं.