भाव गायकन P Jayachandran का 80 वर्ष की आयु में निधन: संगीत जगत को अपूरणीय क्षति
मलयालम संगीत के दिग्गज और ‘भाव गायकन’ के नाम से प्रसिद्ध P Jayachandran का 9 जनवरी को 80 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे त्रिशूर के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान अंतिम सांस ली। छह दशकों से भी अधिक समय तक संगीत के क्षेत्र में योगदान देने वाले P Jayachandran ने अपने अनूठे अंदाज़ और भावपूर्ण आवाज़ से संगीत प्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
P Jayachandran का जीवन और करियर
P Jayachandran का जन्म 3 मार्च 1945 को हुआ था। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1965 में की और धीरे-धीरे मलयालम फिल्म उद्योग के सबसे लोकप्रिय गायकों में से एक बन गए। उनके गाए 16,000 से अधिक गाने मलयालम, तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और हिंदी भाषाओं में अमर हो गए।

‘भाव गायकन’ के नाम से प्रसिद्ध, P Jayachandran को उनकी गायकी में भावनाओं को बखूबी प्रस्तुत करने की कला के लिए जाना जाता है। उनकी आवाज़ में वह गहराई थी, जो सीधे श्रोताओं के दिल तक पहुंचती थी। यह उनकी प्रतिभा का ही प्रमाण है कि उन्होंने हर भाषा में गाए गए गानों में एक अलग पहचान बनाई।
संगीत जगत में उपलब्धियां
P Jayachandran को उनके करियर में कई प्रतिष्ठित सम्मान मिले। उन्होंने राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, पांच बार केरल राज्य फिल्म पुरस्कार और चार बार तमिलनाडु राज्य फिल्म पुरस्कार जीते। उन्हें केरल सरकार से जेसी डैनियल पुरस्कार और तमिलनाडु सरकार से कलैमामणि पुरस्कार भी मिला।
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उनके कुछ प्रसिद्ध गाने जैसे “मलरवलर काढ़ूम” और “कनवुगल पोले” आज भी श्रोताओं के बीच बेहद लोकप्रिय हैं। उनका हर गीत श्रोताओं के दिलों में एक गहरी छाप छोड़ता है।
भावनात्मक गहराई और गायकी का जादू
P Jayachandran के गाने केवल शब्दों का मेल नहीं थे, बल्कि उनके हर गाने में एक कहानी और भावना छिपी होती थी। उनकी गायकी में जो सादगी और गहराई थी, वह हर श्रोता को अपने साथ जोड़ लेती थी।
उनकी आवाज़ न केवल फिल्मों के लिए, बल्कि भक्ति संगीत और अन्य पारंपरिक गीतों के लिए भी एकदम उपयुक्त थी। उनके गाए भक्ति गीतों ने आध्यात्मिकता को एक नई परिभाषा दी।
P Jayachandran का परिवार और निजी जीवन
P Jayachandran अपने परिवार के लिए एक सच्चे संरक्षक थे। उनके परिवार में उनकी पत्नी ललिता, बेटी लक्ष्मी और बेटा दिननाथन हैं। उनका निधन उनके परिवार और प्रशंसकों के लिए एक गहरा आघात है।
संगीत प्रेमियों के लिए उनकी विरासत
P Jayachandran ने जो संगीत की धरोहर छोड़ी है, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा है। उनके गाने हर मौके के लिए उपयुक्त होते थे—चाहे वह प्रेम गीत हो, दुःख भरा गीत हो, या उत्सव का गीत।

उनकी आवाज़ में एक ऐसा जादू था, जो श्रोताओं को समय और स्थान से परे ले जाता था। उनके गानों में भावनाओं की सच्चाई और दिल की गहराई झलकती थी।
संगीत जगत को अलविदा कहते हुए
P Jayachandran का जाना भारतीय संगीत जगत के लिए एक बड़ी क्षति है। उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। उनकी आवाज़ और उनके गाए गीतों ने उन्हें अमर बना दिया है।
श्रद्धांजलि और स्मरण
P Jayachandran के निधन से न केवल उनका परिवार, बल्कि पूरा संगीत जगत शोक में है। उनकी आवाज़ में जो भावनात्मक गहराई थी, वह आने वाले समय में भी संगीत प्रेमियों को प्रेरित करती रहेगी।
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उनकी याद में, यह कहना सही होगा कि उन्होंने न केवल गाने गाए, बल्कि अपनी आवाज़ के माध्यम से श्रोताओं के दिलों को छुआ। उनका संगीत हमेशा अमर रहेगा।
भाव गायकन को हमारी भावभीनी श्रद्धांजलि। P Jayachandran का योगदान भारतीय संगीत के लिए एक अमूल्य धरोहर है।
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